Sunday, August 02, 2009

हरियाणा में लड़कों की हालतः बहन के बदले बीवी

तेहाबाद, ( प्रदीप धानिया): कहानी है हरियाणा फतेहबाद जिले के गांव जांडली कलां की। यहां के रहने वाले गीता की शादी नाथू राम से होनी थी। उसी दिन नाथू की बहन की शादी गीता के मामा से होनी थी। लेकिन गीता के पिता ने डीएसपी से शिकायत कर दी। उन्होंने कहा गीता सिर्फ 15 साल की है और उनकी पत्नी और उसके परिवार ने साजिश के तहत गीता की शादी नाथू राम से तय कर दी, ताकि बदले में गीता के मामा की शादी हो सके। यह सब कुछ लेन-देन के तहत हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शादी रोक दी। लेकिन परिवार ने इसके लिए भी तैयारी कर रखी। उन्होंने तुरत-फुरत गीता की कजन सावित्री को दुल्हन के तौर पर पेश कर दिया। लेकिन सावित्री भी नाबालिग निकली। इसके बाद भी परिवारवाले रुके नहीं। उन्होंने परिवार में किसी और लड़की की तलाश शुरू कर दी, जिसकी शादी की जा सके। आखिरकार एक लड़की मिल गई, जिसकी उम्र 20 साल थी। फतेहबाद के डीसी सी। जी. रजनीकांतन ने बताया कि पुलिस जब शादी रोकने के लिए पहुंची, तो परिवार वाले जोर दे रहे थे कि लड़की बालिग है। हालांकि लड़की खुद कह रही थी कि उसका जन्म 1993 में हुआ था। रजनीकांतन के मुताबिक जब मैंने उन्हें पुलिस केस की धमकी दी, तब जाकर वे शांत हुए और लिखित में दिया कि लड़की शादी बालिग होने के बाद ही की जाएगी। यह कहानी सुनने में अजीब लगती है, लेकिन पहली बार नहीं हुई है। यही घटना सिरसा जिले के केहरवाल गांव में भी हुई थी। वहां तो लड़कियों की उम्र 12 और 14 साल थी। हरियाणा में हालत यह हो गई है कि लड़कों की शादियां नहीं हो रही हैं। यहां सेक्स रेशो 822 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कुछ गांवों में तो 1000 पुरुषों पर 300-400 लड़कियां ही रह गई हैं। ऐसे में यहां के ग्रामीण इलाकों में लेन-देन का सिस्टम चल पड़ा है। जब किसी लड़के की शादी नहीं होती, तो उसके परिवार की किसी लड़की के बदले अन्य परिवार की लड़की ले ली जाती है। लेकिन हर परिवार में तो शादी की उम्र की लड़कियां होती नहीं हैं। लिहाजा कई बार नाबालिग लड़की की शादी कर दी जाती है। चंडीगढ़ में रहने वाले सोशल साइंटिस्ट मनजीत सिंह कहते हैं कि उन परिवारों को ऐसी दिक्कतें नहीं होतीं, जहां जमीन या पैसा खूब होता है। लेकिन छोटे किसानों या गरीब परिवारों के लड़कों के पास अपनी बहनों के बदले शादी करने के अलावा कोई चारा नहीं है।