Tuesday, August 25, 2009

50 पर हजकां व 40 पर बसपा लड़ेगी चुनाव

चंडीगड : आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हरियाणा जनहित कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन के तहत निर्धारित 50 और 40 विधानसभा सीटों की सांझेदारी तय कर ली है। हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई व बसपा के हरियाणा प्रभारी मानसिंह मनहेड़ा ने संयुक्त रूप से दोनों दलों के बीच हुई सहमति के अनुसार हजकां की उमीदवारी वाली 50 विधानसभा सीटों की घोष्णा की। इस अवसर पर बसपा प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती भी मौजूद थे।
गठबंधन नेताओं ने 20 सितंबर को जींद में संयुक्त महारैली करने का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि आदमपुर, नलवा, हांसी, हिसार, उकलाना (आरक्षित), नारनौंद, उचाना, बवानीखेड़ा (आरक्षित), फतेहाबाद, रतिया (आरक्षित), सिरसा, डबवाली, रानियां, ऐलनाबाद, दादरी, बाढड़ा, लोहारू, महेंद्रगढ़, नारनौल, अटेली, नांगल चौधरी, बावल (आरक्षित), बादशाहपुर, गुड़गांव, पिरथला, बल्लभगढ़, पलवल, होडल (आरक्षित), कालका, पंचकूला, अंबाला कैंट, यमुनानगर, थानेसर, पेहोवा, गुहलाचीका (आरक्षित), कैथल, करनाल, इंद्री, सोनीपत, गोहाना, खरखौदा (आरक्षित), बड़ौदा, जींद, पानीपत अर्बन, रोहतक, महम, गढ़ीसांपलाकिलोई, बहादुरगढ़, बेरी व बादली विधानसभा क्षेत्रों में हजकां के उमीदवार चुनाव लड़ेंगे।इसके अतिरिक्त सोहना, पटौदी, नूंह, ओल्ड फरीदाबाद, फिरोजपुरझिरका, एनआईटी फरीदाबाद, इसराना, बरवाला, कलायत, असंध, गन्नौर, कालांवाली, शाहबाद, समालखां, पुन्हाना, भिवानी, तोशाम, नारायणगढ़, हथीन, टोहाना, कोसली, राई, लाडवा, कलानौर, बड़खल, नरवाना, सफीदों, नीलोखेड़ी, जुलाना, मुलाना, घरौंडा, पानीपत ग्रामीण, झज्जर, अंबाला शहर, पूंडरी, तिगांव, सढौरा, जगाधरी, रादौर, रव्वाड़ी सहित इन 40 हलकों से बसपा के उमीदवार चुनाव मैदान में होंगे।

रेपिस्ट को न बचाने पर दलित बस्ती का हुक्का-पानी बंद

गुड़गांव। गुड़गांव के अभयपुर गांव में पंचायत ने एक दलित बस्ती का हुक्का-पानी बंद कर दिया है। पंचायत ने ये फरमान अपनी मनमानी पूरी न होने पर सुनाया है। दरअसल गांव के एक युवक पर 70 साल की एक दलित महिला से बलात्कार का आरोप है। पंचायत चाहती है कि पीड़ित महिला आरोपी से राजीनामा कर ले। लेकिन महिला के इनकार पर पंचायत ने पूरी दलित बस्ती को सजा दे डाली।
मालूम हो कि पिछले साल गांव के एक युवक पर 70 साल की एक दलित महिला से बलात्कार का आरोप लगा। पुलिस ने उस युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन अब पंचायत चाहती है कि पीड़ित महिला आरोपी से राजीनामा कर ले। ताकि उसे जेल से रिहाई मिल सके। पीड़ित महिला और उसके परिवार ने पंचायत के इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया। जिससे पंचायत भड़क गई और उसने गांव वालों को फरमान सुना दिया कि अगर कोई दलित बस्ती में रहने वालों से संबंध रखेगा तो उस पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।
पंचायत ने ऐलान किया कि कोई भी दुकानदार दलितों को सामान नहीं देगा। गांव के हज्जाम दलितों की हजामत नहीं बनाएंगे। साथ ही दलित बच्चों को भी सजा दी गई, उन्हें स्कूल में अलग बैठकर पढ़ने को कहा गया। दलितों ने अपने साथ हो रही ज्यादती की शिकायत कई बार प्रशासन से की। लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। लेकिन अब दलितों का ये जत्था गुड़गांव के लघु सचिवालय में इंसाफ मांगने पहुंच गया। दलितों के रुख को देखते हुए सरकारी अफसरों को आखिरकार उनकी मदद का भरोसा देना पड़ा।
हरियाणा में पंचायतों की मनमानी कोई नई बात नहीं है। लेकिन सरकार और प्रशासन इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह है कि ऐसी घटना दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही हैं।