Thursday, August 06, 2009

हरियाणा सरकार ने 4 IAS और 31 HCS अफसर बदले

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने बुधवार देर रात 4 आईएएस और 31 एचसीएस अफसरों के तबादले के आदेश जारी किए। आईएएस ए. मोना श्रीनिवास को भिवानी की एसडीएम और हूडा एस्टेट अफसर नियुक्त किया गया है। अनिल कुमार को सिरसा का एसडीएम और हूडा का एस्टेट अफसर बनाया गया है। दुष्यंत कुमार बहेड़ा को जगाधरी का एसडीएम और हूडा का एस्टेट अफसर तथा के. एम. पंडुराग को फतेहाबाद का एसडीएम लगाया है। एचसीएस अफसरों में वजीर सिंह गोयल को करनाल का एडीसी, अनिता यादव को सोनीपत शुगर मिल की एमडी, गीता भारती को जींद की एडीसी और जींद शुगर मिल की एमडी बनाई गई हैं। पंकज चौधरी को हिसार का एडीसी, भाल सिंह बिश्नोई को जींद का सिटी मैजिस्टेट, एच. सी. जैन को पानीपत रोडवेज का जीएम, धर्मवीर सिंह धनखड़ को हिसार मार्किटिंग बोर्ड जोनल प्रशासक बनाया गया है। राजेश जोगपाल को हायर एजुकेशन का अडिशनल डाइरेक्टर और डिप्टी सेक्रटरी, अरविंद शर्मा को अंबाला का एसडीएम और हूडा का एस्टेट अफसर, राकेश कुमार यादव को हिसार रोडवेज का जीएम, यशेंद्र सिंह को गुड़गांव का सिटी मैजिस्टेट, राजीव मेहता को करनाल मार्किटिंग बोर्ड का जोनल प्रशासक, जे. के. अबीर को रतिया का एसडीएम, राम कुमार सिंह को कुरुक्षेत्र का सिटी मैजिस्टेट और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का सीईओ बनाया गया है।

2003 मुंबई धमाके: तीनों दोषियों को फांसी की सजा

मुंबई। मुंबई में 2003 में हुए दोहरे बम धमाके के तीन दोषियों को आज पोटा अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। मुंबई की विशेष पोटा अदालत ने तीनों को जावेरी बाजार और गेटवे ऑफ इण्डिया पर हुए दो धमाकों के लिए दोषी करार दिया था। अदालत ने अशरत अंसारी, हनीफ सैयद और हनीफ की बीवी फहमीदा सैयद को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। ये पहला मामला है कि जब अदालत ने पति-पत्नी दोनों को एक साथ फांसी की सजा सुनाई है।
वहीं सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि फांसी की सजा आतंकियों के सबक है। निकम ने अदालत से तीनों की फांसी की ही सजा की मांग की थी।
पोटा अदालत ने इन तीनों को 25 अगस्त 2003 को जावेरी बाजार और गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए दो जबर्दस्त धमाकों के लिए दोषी पाया था। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी और 180 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
मालूम हो कि मुंबई की विशेष पोटा अदालत 4 अगस्त को ही दोषियों को सजा का ऐलान करने वाली थी। लेकिन कई घंटे बहस चलने के बाद इसे आज के लिए टाल दिया गया था।
मंगलवार को पोटा कोर्ट के जज ने हनीफ सैय्यद से पूछा था कि वो सजा से पहले कुछ कहना चाहता है? अदालत के आदेश के बाद हनीफ तुरंत बोल पड़ा कि उसने कोई धमाका नहीं कराया है। हनीफ को बोलता देख अशरत अंसारी ने भी कहा कि मैं भी निर्दोष हूं। जबकि इस बम कांड की इकलौती महिला आरोपी फहमीदा सैय्यद ने ये कहकर सनसनी मचा दी थी कि एक महिला कभी आतंकवादी नहीं हो सकती।