Tuesday, August 25, 2009

रेपिस्ट को न बचाने पर दलित बस्ती का हुक्का-पानी बंद

गुड़गांव। गुड़गांव के अभयपुर गांव में पंचायत ने एक दलित बस्ती का हुक्का-पानी बंद कर दिया है। पंचायत ने ये फरमान अपनी मनमानी पूरी न होने पर सुनाया है। दरअसल गांव के एक युवक पर 70 साल की एक दलित महिला से बलात्कार का आरोप है। पंचायत चाहती है कि पीड़ित महिला आरोपी से राजीनामा कर ले। लेकिन महिला के इनकार पर पंचायत ने पूरी दलित बस्ती को सजा दे डाली।
मालूम हो कि पिछले साल गांव के एक युवक पर 70 साल की एक दलित महिला से बलात्कार का आरोप लगा। पुलिस ने उस युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन अब पंचायत चाहती है कि पीड़ित महिला आरोपी से राजीनामा कर ले। ताकि उसे जेल से रिहाई मिल सके। पीड़ित महिला और उसके परिवार ने पंचायत के इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया। जिससे पंचायत भड़क गई और उसने गांव वालों को फरमान सुना दिया कि अगर कोई दलित बस्ती में रहने वालों से संबंध रखेगा तो उस पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।
पंचायत ने ऐलान किया कि कोई भी दुकानदार दलितों को सामान नहीं देगा। गांव के हज्जाम दलितों की हजामत नहीं बनाएंगे। साथ ही दलित बच्चों को भी सजा दी गई, उन्हें स्कूल में अलग बैठकर पढ़ने को कहा गया। दलितों ने अपने साथ हो रही ज्यादती की शिकायत कई बार प्रशासन से की। लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। लेकिन अब दलितों का ये जत्था गुड़गांव के लघु सचिवालय में इंसाफ मांगने पहुंच गया। दलितों के रुख को देखते हुए सरकारी अफसरों को आखिरकार उनकी मदद का भरोसा देना पड़ा।
हरियाणा में पंचायतों की मनमानी कोई नई बात नहीं है। लेकिन सरकार और प्रशासन इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह है कि ऐसी घटना दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही हैं।

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