Thursday, September 04, 2008

मांगों के समर्थन में राईस शैलर एसोसिएशन हड़ताल जारी रखेगी

फतेहाबाद,(अनिल गोयल): हरियाणा प्रदेश राईस मिर्ल्ज एण्ड डीलर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल जारी रखने एवं अनाजमडिंयों का बहिष्कार जारी रखने का फैसला लिया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष आजाद सिंह राठी ने सिंबल रोड़ पर स्थित युनाईटिड राईस मिल तें प्रैस वार्ता में आरोप लगाया कि विभिन्न भागों के अधिकारियों ने राईस शैलर मालिकों की मांगों सम्बंधी, प्रदेश के मुख्यमंत्री को गलत सला देने से संगठन की बात टूट चुकी है और उन्हें हड़ताल जारी रखने के सिवाय कोई चारा नही रहा। उन्होंने कहा कि मांगे माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी।प्रदेशाध्यक्ष राठी ने बताया कि संगठन ने सात सितम्बर को नीसिंग के नंदनी पैलेस में महापंचायत करने का फैसला लिया है जिसमें आल इडिंया एक्सपोर्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सेतिया, आल इडिंया राईस मिर्ल्ज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तरसेम सैनी, छतीसगढ मिर्ल्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष योगेश अग्रवाल एवं अन्य राज्यों के प्रतिनिधि महापंचायत में शामिल होंगे और अगले संघर्ष का कड़ा फैसला लिया जाएगा। आजाद सिंह राठी ने आरोप लगाया कि सरकार के अच्छे रवैये के बावजूद अफसरशाही मामले को बिगाड़ने को तूल दे रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से ट्रांसपोर्ट एवं सिक्योरिटी की राशि दी जाए, भविष्य में सीएमआर धान को मिलों में लगाने से पूर्व लढान एवं मजदूरी खर्च मिल मालिकों को दिया जाए तथा बकाया लेवी की तिथि बढाकर फ्0 नवम्बर ख्00त्त् की जाएगा। लेवी चावल का क्फ्फ्� रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाए। वर्ष ख्00त्त्-0े की पॉलिसी धान की फसल आने से पूर्व घोषित की जाए।प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की मार्केट कमेटियों को धान की खरीद जांच का अधिकार केवल सड़क पर हो। आरोप है कि अधिकारी मार्केट कमेटी के नाम पर मिर्ल्ज को परेशान कर जबरी पैसे वसूलते हैं। इस अवसर पर मक्खन लाल सिंगला जाखल, सुरेश जिंदल रतिया, दीपा प्रधान कुलां, कलीराम मित्तल नरवाना, लाला कश्मीरी लाल कैथल, ज्ञानचंद सिंगल कुरुक्षेत्र, तरसेम सिंह खंड टोहाना अध्यक्ष, प्रवीन जैन, बंसीलाल मैहता, काका सिंह मिर्चवाला आदि मौजूद थे। जारी संयुक्त बयान में राईस शैलर मालिकों ने कहा कि वह जायज मांगों तक संघर्ष जारी रखेंगे और उनकी मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिल रहा है। प्रदेश के धान उत्पादक किसान राईस शैलर मालिकों की मांगों का समर्थन कर रहे किसानों एवं राईस मिलर्ज एक्सपोर्टों की भावनाओं को समझते हुए मांगे मान लेनी चाहिए।

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