Tuesday, September 30, 2008

माकपा नेता गोरखपुरिया के अतिंम संस्कार में हजारों की भीड़ उमड़ी





फतेहाबाद,30सितम्बर,(निस)। माक्र्सवाीद कम्यूनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता का. पृथ्वी सिंह गोरखपुरिया की पार्थिव देह का आज गांव गोरखपुर में अतिंम संस्कार किया गया। कामरेड गोरखपुरियां की पार्थिव देह को प्रात: दस से बारह बजे तक गांव गोरखपुर स्थित उनके पैतृक मकान में लोगों के दर्शनाथ रखा गया। माकपा कार्यकर्ताआें ने दिवगंत कामरेड गोरखपुरिया का अतिंम संस्कार पार्टी के नियमानुसार किया। अतिंम सस्कांर के दौरान माकपा कार्यकर्ता कामरेड गोरखपुरिया अमर रहे के नारे लगा रहे थे। पृथ्वी सिंह गोरखपुरिया के अंतिंम संस्कार में माकपा प्रदेश सचिव का. इंद्रजीत, संसदीय सचिव दुड़ाराम, पूर्व विधायक स्वतंत्र चौधरी, पूर्व विधायक बलबीर सिंह, पूर्व विधायक का. हरपाल सिंह, विधायक रणधीर सिंह धीरा, जगमति सागवान, आरसी जग्गा, कर्नल रामप्रताप मल्हान, नंदकिशोर शुक्ला, रघुबीर हुड्डा, उमेद सिंह, फूलसिंह श्योकंद, शकुंतला जाखड़, अरविंद शर्मा, डा. विरेंद्र सिवाच, इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुलजीत कुलड़िया, कामरेड कृष्ण स्वरूप, एमएम कालेज के डायरेक्टर सुभाष शर्मा, रामराज मैहता, विद्या रति, सुमनलता सिवाच, गुलबहार सिंह एडवोकेट, रामकुमार भारती, अजीत माचरा सहित हजारों लोगों ने भाग लिया।माकपा के वरिष्ठ नेता का.पृथ्वीसिंह गोरखपुरिया के निधन पर हरियाणा जनहित कांग्रेस के नेताओं ने गहरा शोक जताया है। हजकां प्रदेश उपाध्यक्ष एंव पूर्व विधायक रणसिंह बैनीवाल,प्रदेश महासचिव मंगतराम लालवास,प्रदेश सचिव कृष्ण रोहज,शहरी जिलाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी,ग्रामीण जिलाध्यक्ष कुलवंत सिंह बराड़,महिला विंग जिलाध्यक्ष बिमला रोहज,चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष डा.जितेन्द्र चौधरी,जिला कोषाध्यक्ष बसंत रूखाया,ब्लाक प्रधान सुभाष रायल,अशोक चौपड़ा,योगेश मैहता ने आज गाँव गोरखपुर उनके निवास स्थान पर जाकर शोक जताया। हजकां नेताओं ने कहा कि गोरखपुरिया एक क्रातिंकारी नेता थे और उन्होंने हमेशा गरीबों के हको के लिए संघर्ष किया। उनके निधन से क्षेत्र को जो क्षति हुई है उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है।उल्लेखनीय है कि कामरेड पृथ्वी सिंह गोरखपूरियां पिछले कई वर्षो से बीमार थे उनका ईलाज एम्स दिल्ली मे चल रहा था। सोमवार ख्त्त् सितम्बर को एम्स में ही कामरेड पृथ्वी सिंह गोरखपूरिया का निधन हो गया। फतेहाबाद जिले के गांव गोरखपुर के मुल निवासी कामरेड पृथ्वीसिंह गोरखपुरिया अपने छात्र काल से ही एक क्रांतिकारी युवक माने जाते थे। 1968 में वे कुरूक्षेत्र विश्वविधालय छात्र संघ के प्रधान चुने गए। उन्होंने चार दशक तक छात्रों, कर्मचारियों, व मेहनतकश लोगों के लिए संघर्ष कर अपनी आवाज बुलंद रखी। आपातकाल वे काफी समय तक जेल में भी रहे। कामरेड गोरखपुरियां ने सन् 1972, 1977, 1987 व 1991 में भट्टूकलां, फतेहाबाद व बड़ोपल विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा।

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