Wednesday, August 05, 2009

दिव्या ने राखी पर भाई को भेजा सुसाइड नोट!

लखनऊरक्षाबंधन पर हर भाई को बहन की राखी और मिठाई का इंतजार रहता है पर लखनऊ की दिव्या ने रक्षाबंधन पर जो तोहफा अपने भाई को दिया, उसे सुन कर हर कोई दहल जाएगा। बारहवीं में पढ़ने वाली दिव्या ने रक्षाबंधन के ठीक एक दिन पहले खुदकुशी कर ली। अपने सुसाइड नोट में उसने अपने छोटे भाई अक्षय को दुनिया की दुश्वारियों से आगाह किया। साथ ही ये ताकीद भी की कि रक्षाबंधन के दिन वो अपनी कलाई सूनी ना रखे ताकि दिव्या आसमान से ही अपने भाई की राखी देख ले।
दिव्या ने राखी से महज एक दिन पहले अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। उसने एक दिन पहले ही कहा था कि भाई राखी के दिन मैं तुम्हें एक सरप्राइज दूंगी। उसने अपने भाई को तोहफे में अपनी मौत दी। मरने से पहले उसने अपने भाई के लिए जो चिट्ठी छोड़ी है, वो इस प्रकार हैः-
डियर अक्षय (छोटू)
ये तुम्हारे लिये रक्षाबंधन का पहला और आखिरी तोहफा है। अक्षय, मैं इंजीनयर बनना चाहती थी। पर मेरी इच्छा मर चुकी है। अब तुम्हें इस सपने को पूरा करना है। इसके लिये तुम्हें बहुत मेहनत करनी होगी। इंटेलीजेंट बनना होगा।
मैं तुम्हें इंजीनियर बनते हुए देखना चाहती हूं। मैं जहां जा रही हूं वहीं से तुम्हारी तरक्की देखूंगी। तुम चाहो तो बी कॉम या बीबीए में भी एडमिशन ले सकते हो। फिर एमबीए और सीए की तैयारी करो। दूसरों की चापलूसी मत करना। खुद अपने पांव पर खड़े होने की कोशिश करना। तुम्हें बेहतर बनना है।
अपने घर की चहारदीवारी से बाहर निकलो और चार साल तक टेलीविजन से दूर रहना। दोपहर में बिल्कुल मत सोना। तुम्हें सुबह उठना है। जॉगिंग करनी है। योगा और ध्यान भी करना है। इससे तुम्हें आध्यात्मिक ताकत मिलेगी और तुम्हारे में बदलाव आयेगा। और इसकी बदौलत तुम और स्मार्ट होगे। दूसरों की नजर में तुम्हें इज्जत मिलेगी।
तुम्हें इतना काबिल बनना है कि पैसों की कमी ना रहे। खुद को फिट रखने के लिये खूब मेहनत करना। क्लास मत छोड़ना। स्कूल हर रोज जाना। मैंने जो मेज छोड़ी है, तुम उसी पर पढ़ाई करना। तुम्हें ऐसा लगेगा कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं। तुम्हारी ताकत बनकर। बेड पर बिल्कुल मत पढ़ना।
अच्छे लोगों के साथ रहना, न कि अमीरों के साथ। बुजुर्गों की हमेशा इज्जत करना। भाई ये मेरी सबसे बेहतर शुभकामनाएं हैं। तुम्हें मेरे सपने को साकार करना है। मैं तुम्हें ऊपर से देख रही हूं। तुम्हारी तरक्की पर मुझे खुशी होगी और हां कलाई सूनी मत रखना। राखी जरूर बंधवा लेना। मैं देखूंगी। भगवान तुम्हें आशीर्वाद दे और हमेशा तुम्हारी रक्षा करे।
तुम्हारी बहन
दिव्या

सुसाइड लेटर में दिव्या ने अपनी मौत के लिए किसी को सीधे जिम्मेदार नहीं ठहराया है। लेकिन पुलिस ने जब मामले की छानबीन की तो कई बातें सामने आईं। दिव्या के पिता की कई सालों पहले मौत हो गई थी। मां नौकरी करती हैं। उसकी मां ने हाल ही में दूसरी शादी कर ली है लेकिन दिव्या न जाने क्यों अपनी मां की दूसरी शादी से खुश नहीं थी। हाल के कुछ दिनों से उसने अपनी मां से बात करना भी बंद कर दिया था। लेकिन वो ऐसा कदम उठाएगी ये किसी ने सोचा भी नहीं था।
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक दिव्या की मां का व्यवहार उसके साथ अच्छा था। लेकिन फिर भी दिव्या ये सोचने लगी थी कि मां की दूसरी शादी के बाद वो और उसका भाई अलग-थलग पड़ गए हैं। बस इसी गलतफहमी में उसने बेहद गलत कदम उठा लिया। दिव्या की मौत से उसका मोहल्ला भी गुमसुम है। पूरे इलाके में रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया गया है। किसी भाई ने अपने हाथों में राखी नहीं बांधी है।

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