Wednesday, August 05, 2009

बहनें गाती हैं...भैया मेरे बेटी को जन्म लेने देना!

जैसलमेर। राजस्थान में एक ऐसा गांव है जहां पांच साल पहले तक रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाता था। क्योंकि उस गांव में लड़कियां पैदा होते ही मार दी जाती थीं। लेकिन अब गांव में बची तीन-चार लड़कियों ने एक पहल शुरू की है। वो सिर्फ अपने भाई को ही नहीं पूरे गांव के सभी लड़कों को घर-घर जाकर राखी बांध रही हैं।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसा जैसलमेर जिले का देवड़ा गांव। इस गांव की आबादी दो हजार से भी ज्यादा है लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इस दो हजार की आबादी में लड़कियों की तादाद आधा दर्जन से भी कम है। इसकी वजह है यहां पर सालों से चली आ रही एक खौफनाक परंपरा। यहां लड़कियां पैदा होते ही मार दी जाती थीं। इसलिए इस गांव में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाता था।
लेकिन अब गांव के पुरुषों को रक्षाबंधन के दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। इसकी वजह है गांव की चार लड़कियों ने कुछ साल पहले रक्षाबंधन मनाने की शुरुआत की। रक्षाबंधन के दिन ये बेटियां गांव के हर घर जाकर भाइयों को राखी बांधती हैं।
नवजात लड़कियों को मार देने की सबसे बड़ी वजह दहेज ना देने की हैसियत है। इस गांव में ऐसे कई बुजुर्ग हैं जिनकी पूरी जिंदगी खत्म होने को है लेकिन कलाई पर कभी किसी ने राखी नहीं बांधी। लेकिन हालात अब बदल रहे हैं, लोगों को अब समझ में आ रहा है कि बेटियां बोझ नहीं है।

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