Wednesday, July 22, 2009
मेरे गुनाहों की सज़ा मौत है, तो फांसी दो: कसाब
मुंबई। मुबई हमले के मुख्य आरोपी अजमल कसाब का इकबालिया बयान बुधवार को भी स्पेशल कोर्ट में जारी रहा। उस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि मौत की सज़ा से बचने के लिए अदालत में अपना गुनाह कबूला है। कसाब ने कोर्ट से कहा, 'अगर मेरे गुनाहों की सज़ा मौत है, तो मुझे मौत की सजा ही दी जाए। मुझे खुदा से सज़ा नहीं चाहिए, मैं अपने किए की सज़ा यहीं चाहता हूं।' दूसरी तरफ, प्रॉसिक्यूशन ने कसाब के बयान को पूरी तरह से मानने से इनकार कर दिया है। प्रॉसिक्यूशन का तर्क है कि उसके बयान में कई खामियां है और वह पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को बचाने की कोशिश कर रहा है। 26/11 के हमले के आरोपियों में से एकमात्र जीवित आतंकी कसाब पर उंगली इसलिए भी उठ रही है क्योंकि उसने अपने बयान में ज्यादातर आरोप मारे जा चुके साथी नौ आतंकियों पर लगा दिए हैं। उसने अपने बयान में कहा कि कामा हॉस्पिटल के बाहर पुलिस अधिकारियों की गाड़ी पर उसके साथी अबू इस्माइल ने फायरिंग की थी और इसी फायरिंग उनकी मौत हो गई थी। उसने कहा कि हॉस्पिटल के बाहर हमने एक पुलिस जीप को अपनी ओर आते देखा। जीप से गोलियां चल रही थीं और इस्माइल ने भी गाड़ी पर गोलियां चलाईं। मुझे गोलियां लगीं और अपनी बंदूक के साथ मैं गिर पड़ा। कसाब ने बताया कि इस्माइल अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए गाड़ी की तरफ बढ़ा। कसाब ने कहा कि जब हम जीप के पास पहुंचे तो पुलिस अधिकारी मर चुके थे।
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