Tuesday, September 01, 2009

श्रीकृष्ण लीलाएं आनंद की अनुभूति प्रदान करती हैः साध्वी मुक्ता

फतेहाबादः श्री अमर ज्योति मंदिर में जारी श्रीमद्‌भागवत कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्म की प्रभावी झांकी को देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। नन्हें कान्हा को माखन मिश्री का भोग लगाकर प्रसाद बांटा गया। साध्वी मुक्ता भारती ने श्रीकृष्ण जन्म से सबंधित कथा सुनाई एवं बधाई गीतों पर श्रद्धालुओं को झुमने पर मजबूर कर दिया। साध्वी मुक्ता भारती ने अनमोल वचनों के दौरान कहा कि भगवान ने स्वयं श्री गीता में कहा है कि जब जब धरती पर भक्तों को मेरी जरुरत होगी तब तब मैं अवतार लेकर पृथ्वी पर आऊंगा। उन्होंने कहा कि भगवान ने श्री राम के रुप में अवतार लेकर मर्यादित लीलाएं करके आम जनमानस को मर्यादित जीवन जीने का संदेश दिया और भगवान ने श्रीकृष्ण के रुप में आकर बचपन दौरान अनेकों रोमांचित लीलाएं की जो आम आदमी को आनंद की अनुभूति प्रदान करती है वहीं जीवन को सही ढंग से जीने का संदेश देती है। इन लीलाओं से हमे भी प्रेरणा लेकर इन्हीं गुणों को अपनाना चाहिए। साध्वी मुक्ता भारती ने कहा कि परम पिता परमात्मा के पावन सानिध्य को हमेशा स्वीकार करते हुए स्वयं को दुष्कर्मों से बचाए रखें व ईर्ष्या द्वेष् से मुक्त होकर प्रेममय वातावरण स्थापित करना ही ईश्वर की भक्ति है। मन और बुद्धि में सहनशक्ति जागृत करव्ं ताकि हमारी मनोवृति संवर पाए। मानव तन प्रभू से प्राप्त हमें उपहार है, मानव तन की सार्थकता तभी सभव है जब जीवन में व्यवहार और परमार्थ का संतुलन होगा। मुक्ता भारती ने फरमाया कि संसार में सुख चाहिए तो साी से प्रेम रुपी व्यवहार अपनाओ, मन से नफरत मिटा दो और परमात्मा से सभी के लिए सुख मांगे, आपस में सदभावना और प्यार रखें। जहां प्रेम सद्‌भावना होती है वहीं प्रभु का वास होता है, सर्वत्र प्रभु को व्यापक साा स्वीकार करव्ं।

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